50 Devi Jas Geet Lyrics in Hindi : मध्यप्रदेश के मालवा, महाकौशल क्षेत्र मे देवी की स्तुति हेतु गाये जाने वाले स्थानीय लोक भाषा एवं शुद्ध देशी परिवेश से ओतप्रोत देवी उपासना हेतु गाये जाने वाले Devi Jas Geet Lyrics का विशाल संग्रह प्रस्तुत है । दिये गए जस को लिखने एवं गाने वाले के प्रति हम आभारी हैं जिन्होने इन भजनो को गाकर सभी के लिए मातारानी के प्रसाद स्वरूप यह भेंट प्रस्तुत की है ।
आप जिस जस को गाना चाहें नीचे दी गई सूची से select कर क्लिक करें एवं गाकर माता की उपासना करें ।
॥ जय माता दी ॥
50 Devi Jas Geet Lyrics in Hindi-Part 1
- गिर की भवानी हाँ कि दवना
- हो जा दयाल कृपाल, महा माई अब कि बेला ।।
- सूरत की मालनी हो , कि दुरगा काहे रखियो भरमाय ।।
- मेरी प्यारी मालन हो मेरी अच्छी मालन,
- अब लट खोलो मेरी माँ, कि नैना रतन जड़े ।।
- अम्बे माई दुर्गे आ गई , पाहुनी वो जगतारण ।
- शिव जी की सुन्दर नारी हो, मैया मेरी पनिया भरन को जाये ।
- जल भरण जानकी आई हो, मेरी केवल माँ । ।
- वो तो हमने नेहत बुला लई, वो दुर्गे पाहुनीया, पाहुनीया । ।
- झूला झूले शारदा माँ, हिंडोरना अजब बना ।।
- भुवन कहाँ वो मैया , बसत कहाँ,
- वो तो मंडिया बनवालई रे, भगत ने मंडिया बनवालई मेरी माँ,
- गढ़ पर्वत पे रे महादेव बाबा, डमरू बजा रहे रे,
- ये वो मैया जग में प्रकट हो जइयो,
- शिवजी की सुंदर नारी हो, मैया मेरी पनिया भारन को जाये ।
- गढ़ पर्वत पे रे भोला बाबा डमरू बजा रहे रे ,
- मैया रक्षा करो री माता, शीतला वो माँ ।।
- काली कंकालन कालका हो माँ ।।
- मैया कलयुग में वो देवी कालका हो माँ ।।
- मेरे रहे जगत पण्डा, सेवा भले हो माँ ।।
- जगदेव धानू पण्डा , जाग रचे हो माँ ।।
- कैसे सुमरु देवी जालपा हो माँ ।।
- हनुमत खेले ओके चौक में हो माँ ।।
- तू काली वो हिंगलाजनी हो माँ ।।
- अद्भुत लीला श्रीराम की हो माँ ।।
- मेरे वीर हनुमान मेरे पवन कुमार ,लंका में जइयो रे पवन बनके ।।
- (मैया) देव दर्शन देवी जालपा हो माँ । ।
- चोक चन्दन बिन रे, महादेव बाबा अंगना जो सुनो रे,
- नैन बान दुर्गा, मार रही हो माँ ।।
- काली मैया नाच भैरो बाग में हो माँ ।।
- दूर खेलन मत जइयो रे मेरे बारे लुंगरा,पैजन भर जाहे धूल मे माया ।।
- लग रही मढ़िया में भीड़ हो, मैया मेरी खोलो किवड़िया ।।
- मैया जाग उठो देवी जालपा हो माँ ।।
- कर रही सोला रे, सिंगार माई कर रही सोला रे ॥
- मैया के द्वारे एक तिरिया रोवे, अंसुवन भीगी गोल साड़ी माया ॥
- बोदई किवाडिया राम ने हो माँ ॥
- माई हो रही लाल गुलाब भुवन पे रंग बरसे ,
- सेवन आए जगत राजा जगतारण माँ ॥
- तोरी नथनी पे नाचत मोर सुगर धन मालनिया ॥
- सदा भवानी दाहिनी मेरी माँ, सन्मुख रहे गणेश माया ।
- शारदा मैया आ गई, पाहुनी हो माँ ॥
- मैया जय जय कपूर्दा वासिनी हो माँ ॥
- मैया तेरी शरण सिंह पाहिनी हो माँ ॥
- मैया पहर लगायों राजा कंस ने हो माँ ॥
- जोगिरा जोगिरा जोगिरा रे – 2
- मैया शंकर नैना, खोलिए हो माँ ॥
- नगरकोट जगरानी तुमपे, चँवर डूरे हो माँ ॥
- जोगन बने जोगे राम रहे हो माँ ॥
- रण में गरज रही रे कालका, रण में गरज रही रे ।
- माई हृदय बसो हिंगलाजनी हो माँ, मैया ॥
गिर की भवानी हाँ कि दवना
(Gir ki bhawani haa ki dawna – Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
गिर की भवानी हाँ कि दवना गिर की भवानी हाँ , कि दवना ॥
तोहे सुमरु मैं गिर की भवानी, जोत मे जोत जलाई राम ।। 2 ।।
तेर खप्पर में अष्ट भरो है, जोत जले आसमानी हाँ ।। कि दवना ।।
कोन देव ने पैदा किनी, कौन देव ने मानी राम ।। 2 ।।
कौन सो पण्डा बोये जवारे, कौन चढ़ाये जल पानी हाँ ।। कि दवना।।
महादेव ने पैदा किनी, हनुमान ने मानी राम ।। 2 ।।
अर्जुन पण्डा बोये जवारे , भीम चढ़ाये जल पानी हाँ ।। कि दवना।।
तुलसीदास आशा रघुवर की, हरी चरण चितलाई राम ।। 2 ।।
हरी चरण में ध्यान लगावे , भवसागर तर जाई हाँ ।। कि दवना।।
माता का हाथ पकड़कर रखिए,
लोगों के पाँव पकड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी..!!
(5) हो जा दयाल कृपाल, महा माई अब कि बेला ।।
(ho ja dayal krupal mahami – Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
हो जा दयाल कृपाल, महा माई अब कि बेला ।।
जग में दुर्गा मैया आ गई वो,
मेरी केवल माँ, जग तारण माँ, एक घड़ी घड़ी एक पल पहरा ।
पल की खबर नहीं बिसरु हो माँ ।। हो जा दयाल ।।
शिवशंकर मैया नेहत बुलाये, संग में गौरा मैया आ गई हो
मेरी केवल माँ जग तारण माँ ।। हो जा दयाल ।।
विष्णुजी नेहत बुलाये, संग में लक्ष्मी मैया आ गई हो
मेरी केवल माँ जग तारण माँ ।। हो जा दयाल ।।
राम लखन नेहत बुलाये, संग में सीता मैया आ गई हो
मेरी केवल माँ जग तारण माँ ।। हो जा दयाल ।।
श्री कृष्ण मैया नेहत बुलाये, संग में राधा मैया आ गई हो
मेरी केवल माँ जग तारण माँ ।। हो जा दयाल ।।
पाचो पण्डा नेहत बुलाये, संग में द्रोपदी आ गई हो
मेरी केवल माँ जग तारण माँ ।। हो जा दयाल ।।
सुमर सुमर मैया तेरो जस गाये, रखियों चरण चितलायी हो
मेरी केवल माँ जग तारण माँ ।। हो जा दयाल ।।
माता रानी तेरा नाम
लेकर ही होती है मेरी सुबह और शाम
जब तक न लिखलु तेरा नाम
माता रानी रुक जाता है,
मेरा सारा काम
जय माता दी..!!
(6) सूरत की मालनी हो
(surat ki malani ho- Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
सूरत की मालनी हो , कि दुरगा काहे रखियो भरमाय ।।
ओ तो कहाँ लगा दऊ केवड़ो रे ,
बिरन मे रे कहा लगा दौ रे अनार ।। सूरत की मालनी ।।
वो तो वन में लगा दऊ केवड़ों,
बिरन मेरे अंगना लगा दाऊ रे अनार ॥ सूरत की मालनी ।।
वो तो कहाँ न सिचू केवड़ों रे,
वो तो कहाँ न सिचू अनार ।। सूरत की मालनी ।।
वो तो दूध सिचू केवड़ों रे,
दहीन सिचू अनार ॥ सूरत की मालनी ।।
वो तो कहा न तोडु केवड़ों रे,
कहान तोडु अनार ।। सूरत की मालनी ।।
वो तो अंगना लागो केवड़ों रे,
सरकन लगो अनार ।। सूरत की मालनी ।।
वो तो कहान तोडु केवड़ों रे,
बिरन में कहान तोडु अनार ।। सूरत की मालनी ।।
वो तो मलमल तोडु केवड़ों रे,
डली मन तोडु अनार ।। सूरत की मालनी ।।
वो तो कोहे चढ़ा दाऊ रे केवड़ों रे,
बिरन मे रे कोहे चढ़ा दाऊ ए अनार ॥ सूरत की मालनी । ।
वो तो दुर्गा चढ़ा दाऊ रे केवड़ों रे,
बिरन मे रे लुंगरा चढ़ा दाऊ रे अनार ।। सूरत की मालनी ।।
वो तो सुमर सुमर जस जायों रे, हो कि
दुर्गा रखियो चरण चितलाए ।। सूरत की मालनी ।।
(7) मेरी प्यारी मालन हो मेरी अच्छी मालन,
(meri pyari malan – Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
मेरी प्यारी मालन हो मेरी अच्छी मालन,
फुलवा लईयो नादान वन से, ओ अंजान वन से ॥ 2॥
वो तो अस्सी अस्सी कोस विधन उजार, विधन उजाड़ ।
वो तो आज बसेरे मेरी दुर्गा के पास ।। मेरी प्यारी ।।
वो तो फुलवा के लावत मैया हो गई शाम, हो गई शाम
वो तो आज बसेरो मेरी दुर्गा के पास ।। मेरी प्यारी ।।
वो तो पसोने घाघरीया मेय दइयो लगवाए , दाइयो लगवाए
वो तो फुलवा सिचन मगन मेरी माए ।। मेरी प्यारी ।।
वो तो फुलवा सिचत मैया हो गई शाम, हो गई शाम
वो तो आज बसेरो मेरी दुर्गा के पास ।। मेरी प्यारी ।।
वो तो सोने की खुरपिया मैया , दइयों बनवाए, दइयों बनवाए
वो तो फुलवा निदत मगन मेरी माया ।। मेरी प्यारी ।।
शेरों वाली मैया के दरबार में दुःख-दर्द मिटाये जाते हैं,
जो भी दर पर आते है शरण में लिए जाते हैं..
!! जय माता दी !!
(8) अब लट खोलो मेरी माँ, कि नैना रतन जड़े ।।
(ab lat kholo meri maa : Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
अब लट खोलो मेरी माँ, कि नैना रतन जड़े ।।
वो तो कहा लगा दऊ , दूध रे मोंगरों, चम्पा रे मोंगरों अनार,
कि कहाँ लगा दाऊ मेरी माँ कि बन की केवड़िया ।। मैया अब ।।
वो तो अंगना लगा दाऊ दूध रे मोंगरों, चम्पा रे मोंगरों अनार,
कि कहाँ लगा दाऊ मेरी माँ कि बन की केवड़िया ।। मैया अब ।।
वो तो कहाँ न सिचू दूध मोंगरों, चम्पा रे मोंगरों, अनार,
की कहाँ न सिचू मेरी माँ , कि बन की केवड़िया ।। मैया अब ।।
वो तो उगन लागो चम्पा रे मोंगरों, दूधरे मोंगरों अनार,
कि उगन लगोमेरी माँ कि बन कि केवड़िया ।। मैया अब ।।
वो तो फूलन लगा चम्पा रे मोंगरों, दूध रे मोंगरों अनार,
कि फूलन लगा मेरी माँ कि बन की केवड़िया ।। मैया अब ।।
वो तो कहाँ न तोडु चम्पा रे मोंगरों, दूध रे मोंगरों अनार,
कि कहाँ न तोडु मेरी माँ कि बन की केवड़िया ।। मैया अब ।।
वो तो उलमन तोडु चम्पा रे मोंगरों, दूध रे मोंगरों अनार,
कि डलीयन तोडु मेरी माँ कि बन की केवड़िया ।। मैया अब ।।
वो तो काहे चढ़ा दाऊ चम्पा रे मोंगरों , दूध रे मोंगरों अनार,
कि कोहे चढ़ा दाऊ मेरी माँ कि बन की केवड़िया ।। मैया अब ।।
वो तो दुर्गा चढ़ा दाऊ चम्पा रे मोंगरों , दूध रे मोंगरों अनार,
कि लुंगरा चढ़ा दाऊ मेरी माँ कि बन की केवड़िया ।।मैया अब ।।
वो तो सुमर सुमर मैया , तेरो जस गा लऊ तेरो जस गा लऊ
की रखियों चरण चित लाये ।। मैया अब ।।
(9) अम्बे माई दुर्गे आ गई , पाहुनी वो जगतारण ।
(ambe mai durge aa gai – Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
अम्बे माई दुर्गे आ गई , पाहुनी वो जगतारण ।
कौन जो मिस से जाऊँ हो राजा की मलनिया ।। अम्बे माई ।।
हलत डुलत मैया कुम्हरा दुकान गई ,
जोड़ा कलश बनवा लाई वो, राजा की मलनिया ।। अम्बे माई ।।
हलत डुलत मैया लोहरा दुकान कई ,
जोड़ा त्रिशूल बनवा लाई रे राजा के मलनिया ।। अम्बे माई ।।
हलत डुलत मैया सुनरा दुकान कई ,
जोड़ा पैजन बनवा लाई रे राजा के मलनिया ।। अम्बे माई ।।
हलत डुलत मैया दर्जी दुकान कई ,
जोड़ा ध्वजा बनवा लाई रे राजा के मलनिया ।। अम्बे माई ।।
हलत डुलत मैया माली दुकान कई ,
जोड़ा हार बनवा लाई रे राजा के मलनिया ।। अम्बे माई ।।
सुमर सुमर मैया तेरो जस गा लाऊं,
रखियों चरण चितलाई रे राजा के मलनिया ।। अम्बे माई ॥
तेरे चरणों में जो थोड़ी सी जगह मिल जाती,
मेरे तड़पते मन को भी थोड़ी राहत हो जाती..!!
जय माता दी
(10) शिव जी की सुन्दर नारी हो
Shivji ki Sundr Nari Ho – Devi Jas Geet Lyrics Part 1
शिव जी की सुन्दर नारी हो, मैया मेरी पनिया भरन को जाये ।
धर लई दो दो घघरिया हो, मैया मोरी पनिया भरन को जाये ।।2॥
काहे की घघरी मैया काहे की चुनरी , काहे की लेस लगाई हो ।। मैया मोरी पनिया ।।
सोने की घघरी मैया, रूप की चुनरी , रेशम लेस लगाई हो ।। मैया मोरी पनिया । ।
कौन पिता तेरो कौन महतारी, कौन की नार कहाई हो ।। मैया मोरी पनिया । ।
हिमाचल पिता मेरे मैनावती माता, शिवजी की नार कहाई हो । । मैया पोरी पनिया । ।
सुमर सुमर मैया तेरो जस गाउँ, रखियो चरण चितलाई हो । । मैया मोरी पनिया । ।
(11) जल भरण जानकी आई हो
(Jal Bharan Jaanki aai ho – Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
जल भरण जानकी आई हो, मेरी केवल माँ ।।
काहे की घघरी, काहे की चुनरी – 2
काहे की लेस लगाई हो, मेरी केवल माँ ।। जल भरन ।।
सोने की घघरी मैया, रूपा की चुनरी ,
रेशम लेस लगाई हो, मेरी केवल माँ ।। जल भरन ।।
कौन की बहुवा, कौन की बिटिया – 2
कौन की नार कहाई हो, मेरी केवल माँ ।। जल भरन ।।
दशरथ की बहुवा, जनक की बिटिया – 2
राम की नार कहाई हो, मेरी केवल माँ ।। जल भरन ।।
सुमर सुमर मैया तेरो जस गाउँ – 2
रखियो चरण चितलाई हो , मेरी केवल माँ ।। जल भरन ॥
(12) वो तो हमने नेहत बुला लई
(wo to hamne nehat bula lai – Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
वो तो हमने नेहत बुला लई, वो दुर्गे पाहुनीया, पाहुनीया । ।
कहाँ से आ गई मैया देवी ओ जालपा ,
कहाँ से आ गई हिंगलाज । । दुर्गे पाहुनीया । ।
अगम से आ गई देवी हो जालपा,
पश्चिम से आ गई हिंगलाज । । दुर्गे पाहुनीया । ।
कहाँ उतारूँ मैया देवी वो जालपा ,
कहाँ उतारूँ हिंगलाज । । दुर्गे पाहुनीया । ।
अंगना उतारूँ मैया देवी वो जालपा ,
मढ़िया उतारूँ हिंगलाज । । दुर्गे पाहुनीया । ।
कहाँ चढ़ाऊँ मैया देवो हो जालपा,
कहाँ चढ़ाऊँ हिंगलाज जी । । दुर्गे पाहुनीया । ।
नारियल चढ़ाऊँ मैया देवी हो जालपा ,
नींबुवा चढ़ाऊँ हिंगलाज । । दुर्गे पाहुनीया । ।
सुमर सुमर मैया तेरो जस गाउँ ,
रखियो चरण चितलाऊँ वो । । दुर्गे पाहुनीया । ।
(13) झूला झूले शारदा माँ
(jhula jhule sharda maa – Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
झूला झूले शारदा माँ, हिंडोरना अजब बना ।।
वो तो कौन जो बनके मैया, दाढ़ी वो पालकिया,
कौन जो बाँके खांब , हिंडोरना अजब बना ।।झूला झूले ।।
कजली जो बनके मैया, दाढ़ी वो पालकिया,
वृंदावन में खांब , हिंडोरना अजब बना ।। झूला झूले ।।
वोतो कौन जो झूले मैया दांडी वो पालकिया ,
कौन झुलावन हार , हिंडोरना अजब बना ।। झूला झूले ।।
दुर्गा जो झूले मैया दांडी वो पालकिया,
लुंगरा झुलावन हार, हिंडोरना अजब बना ।। झूला झूले ।।
पहली मिचकनी मारी जगतारण ,
हिल गए अजगड़ खाम्ब , हिंडोरना अजब बना ।। झूला झूले ।।
दूसरी मिचकनी मारी जगतारण,
गिर गए नौलख हार , हिंडोरना अजब बना ।। झूला झूले ।।
तीसरी मिचकनी मारी जगतारण,
लुंगरा उठावत हार, हिंडोरना अजब बना ।। झूला झूले ।।
चौथी मिचकनी मारी जगतारण ,
देखे सकल संसार, हिंडोरना अजब बना ।। झूला झूले ।।
सुमर सुमर मैया तेरो जस गाउँ ,
रखियो चरण चितलाए , हिंडोरना अजब बना ।। झूला झूले ।।
(14) भुवन कहाँ वो मैया , बसत कहाँ,
(bhuwan kahan wo maiya – Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
भुवन कहाँ वो मैया , बसत कहाँ,
हंसा चाल मृग नैन, लाड़ली के भुवन कहाँ । ।
मैया के द्वारे एक अंधा पुकारे – 2
दियो नैन घर ना अपने – 2 ।। हंसा चाल मृग ।।
मैया के द्वारे एक लंगड़ा पुकारे – 2
दियो पैर घर ना अपने – 2 ।। हंसा चाल मृग ।।
मैया के द्वारे एक कोढ़ी पुकारे – 2
दियो रूप घर जा अपने – 2 ।। हंसा चाल मृग ।।
मैया के द्वारे एक बांझ पुकारे – 2
दियो पुत्र घर जा अपने – 2 ।। हंसा चाल मृग ।।
सुमर सुमर मैया तेरो जस गाये ,
रखियो चरण चितलाए – 2 ।। हंसा चाल मृग ।।
(15) वो तो मंडिया बनवालई रे
( wo to mandiya banwa lai re – Devi Jas Geet Lyrics Part 1 )
वो तो मंडिया बनवालई रे, भगत ने,
मंडिया बनवालई मेरी माँ,
भगत ने, मंडिया बनवालई मेरी माँ ।।
कौन खदानिया की मटिया बुला लाई,
डिग धार अंगना छबा लई भगत ने ।। मंडिया ।।
रतन खदानिया की मटिया बुला लई ,
डिग धर अंगना छबा लई भगत ने ।। मंडिया ।।
कौन गौवन को गोबर मंगा लाय,
डिग धर अंगना लिपा लई भगत ने ।। मंडिया ।।
वोतो सुरही गौवन को गोबर मंगा लए,
डिग धर अंगना लिपा लई भगत ने ।। मंडिया ।।
गज मूतियन को चौक पूरा लए,
कंचन कलरा जला लए भगत ने ।। मंडिया ।।
सुमर सुमर मैया तेरो जस गाये ,
रखियो चरण चितलाए भगत ने ।। मंडिया ।।
(16) गढ़ पर्वत पे रे महादेव बाबा
(Gadh parvat pe re mahadev baba – Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
गढ़ पर्वत पे रे महादेव बाबा, डमरू बजा रहे रे,
नाचत आ गए मेरे भोला, माई के दरबार – । ।
कहाँ लगा दऊ रे महादेव बाबा, गढ़ा तंबाकू रे,
कहाँ लगा दऊ मेरे भोला , गाँजा रे अफीम ।। गढ़ पर्वत ।।
अंगना लगा दऊ रे, महादेव बाबा, गढ़ा तंबाकू रे,
बड़ के लगा दऊ मेरे भोला, गाँजा रे अफीम ॥ गढ़ पर्वत ।।
काहन सिचू रे महादेव बाबा, गढ़ा तंबाकू रे ,
काहन सिचू मेरे भोला गाँजा रे अफीम ।। गढ़ पर्वत ।।
दूधन सिचू रे महादेव बाबा, गढ़ा तंबाकू रे ,
दहीन सिचू मेरे भोला गाँजा रे अफीम । । गढ़ पर्वत ॥
काहन तोडु रे, महादेव बाबा, गदा तंबाकू रे,
काहन तोडु मेरे भोला गाँजा रे अफीम । । गढ़ पर्वत । ।
कोहे चढ़ा दऊ रे महादेव बाबा, गढ़ा तंबाकू रे ,
लुंगरा चढ़ा दऊ मेरे भोला, गाँजा रे अफीम । । गढ़ पर्वत । ।
सुमर सुमर के रे भोला बाबा तेरो जस गा लौ रे ,
रखियो न रखियो मेरे भोला चरण आधार । । गढ़ पर्वत । ।
(17) ये वो मैया जग में प्रकट हो
(ye wo maiya jag me prakat ho – Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
ये वो मैया जग में प्रकट हो जइयो,
भवानी मैया जग में प्रकट हो जइयो ।।
ये वो मैया शिवजी के संग में रहियो – 2
ये वो मैया गौरा रूप धर लईयो ।। ये वो मैया जग में प्रकट ।।
ये वो मैया राम जी के संग में रहियो – 2
ये वो मैया सीता रूप धर लईयो ।। ये वो मैया जग में प्रकट ।।
ये वो मैया कृष्णा के संग में रहियो – 2
ये वो मैया राधा रूप धर लईयो ।। ये वो मैया जग में प्रकट ।।
ये वो मैया पाण्डव के संग में रहियो – 2
ये वो मैया द्रोपदी रूप धर लईयो ।। ये वो मैया जग में प्रकट ।।
ये वो मैया सुमर सुमर जस गइयो – 2
भवानी मैया जग में प्रकट हो जइयो ॥ ये वो मैया जग में प्रकट ॥
(18) शिवजी की सुंदर नारी हो
(Shivji ki sundar nari ho – Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
शिवजी की सुंदर नारी हो
शिवजी की सुंदर नारी हो,
मैया मेरी पनिया भरन को जाये ।।
धर लई दो दो घघरीया हो,
मैया मोरी पनिया भरन को जाये ॥शिवजी की॥
काहे की घघरी मैया, काहे की चुनरी,
काहे की लेस लगाई हो,
मैया मोरी पनिया भरन को जाये ॥शिवजी की॥
सोने की घघरी मैया, रूपा की चुनरी ,
रेशम डोर लगाई हो,
मैया मोरी पनिया भरन को जाये ॥शिवजी की॥
कौन पिता तेरो कौन महतारी ,
कौन की नार कहाई हो,
मैया मोरी पनिया भरन को जाये॥शिवजी की॥
हिमाचल पिता मेरो, मैनावती महतारी ,
शिवजी की नार कहाई हो,
मैया मोरी पनिया भरन को जाये॥शिवजी की॥
सुमर सुमर मैया तेरो जस गाये,
रखियो चरण चितलईयो हो ,
मैया मोरी पनिया भरन को जाये ॥शिवजी की॥
(19) गढ़ पर्वत पे रे भोला बाबा
(gadh parvat pe re bhola baba – Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
गढ़ पर्वत पे रे भोला बाबा डमरू बजा रहे रे ,
गढ़ पर्वत पे रे भोला बाबा डमरू बजा रहे रे ,
ओहिपे आसन मेरे भोला डमरू बजाए ।।
हाथ लकड़िया रे, महादेव कांधे कमरिया रे,
गऊवा को चरावे मेरे भोला, बन बन जाये ।। गढ़ पर्वत ।।
काहे जो देखे रे, महादेव बाबा तेरो नांदिया रे ,
काहे जो देखे मेरे भोला कपिला गाये ।। गढ़ पर्वत ।।
गढ़ चढ़ देखे रे, महादेव बाबा तेरो नांदिया रे ,
चोरागढ़ देखे मेरे भोला कपिला गाय ।। गढ़ पर्वत ।।
कौन जो वन मे रे, महादेव बाबा तेरो नांदिया रे ,
कौन जो वन मे रे, भोला कपिला गाय ।। गढ़ पर्वत ।।
वृंदावन में रे, महादेव बाबा तेरो नांदिया रे ,
कजली वन में रे भोला कपिला गाय ।। गढ़ पर्वत ॥
काहो चरत मे रे, महादेव बाबा तेरो नांदिया रे,
कहो चरत मे रे, भोला कपिला गाय ।।गढ़ पर्वत ।।
काड़ी चरत में रे, महादेव बाबा तेरो नांदिया रे,
दुबा चरत मेरे भोला कपिला गाय ।। गढ़ पर्वत ॥
कौन चरावे रे, महादेव बाबा तेरो नांदिया रे,
कौन चरावे मेरे बोला कपिला गाय ।। गढ़ पर्वत ।।
अर्जुन चरावे रे, महादेव बाबा तेरो नांदिया रे,
भीम चरावे मेरे भोला कपिला गाय ।। गढ़ पर्वत ।।
सुमर सुमर के रे, महादेव बाबा तेरो जस गा लौ रे,
रखियो न रखियो मेरे भोला, चरण आधार ।। गढ़ पर्वत ।।
(20) मैया रक्षा करो री माता
(maiya raksha karo ri mata – Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
मैया रक्षा करो री माता, शीतला वो माँ ।।
शीतल छाइयाँ झुलाइयों, लईयो पलना में डार,
तेरे सिवा मेरो कोई, नहिया जीवन आधार ।। रक्षा करो ।।
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव रे, सुरमुनी करतार,
द्वार पुकारत थाड़े, मैया खोलो दरबार ।। रक्षा करो ।।
अंधा लंगड़ा कोढ़ी रे, एक भाडी रे बांझ पुकारत ,
थाड़ी मैया खोलो दरबार ।। रक्षा करो ।।
अंधा को द्रग दिनो , लंगड़ा को पग दिनो ,
कोढ़ी की काया सफल भई, बाँझ को पुत्र दिन ।। रक्षा करो ।।
जय जय जय जगदम्बे, रख लाइयो मेरी लाज ,
बेगी राम जस गावे, मैया तेरे दरबार ।। रक्षा करो ।।
(21) काली कंकालन कालका हो माँ
Kali Kankalan Kalika Ho Maa – Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
काली कंकालन कालका हो माँ ।।
काहे की बनी तिरशुलिया रे, काहे की बनी साठ
काहे को बनो हरो चोलना, मैया तेरो दरबार । । काली । ।
लोहे की बनी तिरशुलिया रे, बालों की बनी साठ
हरो सूत हरो चोलना मैया तेरो दरबार । । काली । ।
कोहे चढ़ा दऊ तिरशुलिया रे , बालों की बनी साठ,
कोहे चढ़ा दऊ हरा चोलना , मैया तेरो दरबार । । काली । ।
देवी चढ़ा दऊ तिरशुलिया, बालों की बनी साठ
लुंगरा चढ़ा दऊ हरो चोलना , मैया तेरो दरबार । । काली । ।
जय जय जय जगदम्बे रे, रख लईयो मेरी लाज
बेगी राम जस गा लऊ, मैया तेरो दरबार । । काली । ।
(22) मैया कलयुग में वो देवी कालका हो माँ
Maiya Kalyug Me Wo Devi Kalka Ho Maa – Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
मैया कलयुग में वो देवी कालका हो माँ ।।
सतयुग में गौरा भाई रे, हो गई शिवजी की नार ,
नाश कराई भस्मासुर, छोड़ी शिवजी को साथ ।। कलयुग ।।
त्रेता में सीता भई रे, हो गई रामजी की नार,
नाश कारई रावण को, छोड़ी रामजी को साथ ।। कलयुग ।।
द्वापर में द्रोपदी भई रे, हो गई पांडवों की नार,
नाश कराई कौरव को, छोड़ो पांडवों को साथ ।। कलयुग ।।
कलयुग में काली भई रे, हो गई धरम के साथ ,
नाश कराई पापिन को, छोड़ी धरम को साथ ।। कलयुग ।।
तू मेरी आदि भवानी रे, रखियो मेरी लाज ,
बेगीराम जस गावे, मैया तेरे दरबार ।। कलयुग ।।
(23) मेरे रहे जगत पण्डा, सेवा भले हो माँ
Mere Rahe Jagat Panda – Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
मेरे रहे जगत पण्डा, सेवा भले हो माँ ।।
किनने लगाए धन नींबुवा रे, धन अम्बा मेरी माँ,
किनने जो सगर खुदाये, गउआ पिये जलपान ।। मेरे रहे जगत ।।
राम लगाए धन नींबुवा रे, लछमन धन आय,
जगदेव सगर खुदाये, गऊआ पिये जलपान ।। मेरे रहे जगत ।।
काहे के नींबुवा लगाए रे, काहे की धन आय,
काहे को सगर खुदाये, गउआ पिये जलपान ।। मेरे रहे जगत ।।
खाने के नींबुवा लगाए रे, चूसन धन आम,
पीने को सगर खुदाये, गउआ पिये जलपान ।। मेरे रहे जगत ।।
आगई गौवा जल पी गई रे, गौवा दे दई रे आशीष,
जुग जुग जियो राजा बादशाह, मेरी मैया के दरबार । । मेरे रहे जगत ।।
कित लग चढ़ो रे मुगलवा, कितलग रे पठान,
कितलग चढ़ो रे राजा बादशाह, मेरी मैया के दरबार ।। मेरे रहे जगत ॥
एक लख चढ़ो रे मुगलवा, दो लख रे पठान,
तीन लख चढ़ो रे राजा बादशाह, मेरी मैया के दरबार ।। मेरे रहे जगत । ।
तू मेरी आदि भवानी, रख लईयो मेरी लाज,
बेगीराम जस गावे , मैया तेरे दरबार ।। मेरे रहे जगत ।।
(24) जगदेव धानू पण्डा
Jagdev Dhanu Panda – Devi Jas Song Lyrics Part 1)
जगदेव धानू पण्डा , जाग रचे हो माँ ।।
किनने रची पृथ्वी रे, किनने संसार, किनने रचो है शिवालो ।। जगदेव ।।
ब्रम्हा ने रची है पृथ्वी रे, विष्णु ने रे संसार, जगदेव रचो है शिवालो ।। जगदेव ।।
काहे को रची है पृथ्वी रे, काहे को संसार, काहे को रचो है शिवालो । । जगदेव । ।
रहने को रची है पृथ्वी रे, बसने को संसार , देव को रचो है शिवालो । । जगदेव । ।
तू मेरी आदि भवानी , रख लईयो मेरी लाज ,
बेगी राम जस गावे, मैया तेरे दरबार । । जगदेव । ।
(25) कैसे सुमरु देवी जालपा हो माँ
Kaise Sumru Devi Jalpla Ho Maa – Devi Jas Song Lyrics Part-1)
कैसे सुमरु देवी जालपा हो माँ ।।
महिषासुर एक दानव रे, जग हो गया प्रचंड ।
धरती के नौ खंड जीत लियो, जीत लियो इंद्रासन ।। कैसे सुमरु ।।
ब्रम्हा विष्णु सदा शिव , सुर मुनि करतार,
जोत कला वो सब हारी, कोई पार न पाये ।। कैसे सुमरु ।।
सकल देव उठ भागेरे, माई दुर्गा के पास ।
तू मेरी आदि भवानी, मैया रखो अब लाज ।। कैसे सुमरु ।।
इतनी सुन उठ गरजी रे, हाथ ले लई तलवार ।
लुंगरा ने सिगला पलनों , दुर्गा हो गई असवार ।। कैसे सुमरु ।।
कौन वरण मई दुर्गा रे, काहे पे असवार ।
कौन वरण महिषासुर, काहे पे असवार ।। कैसे सुमरु ॥
लाल वरण मई दुर्गा रे, सिंघला पे असवार ,
कारो वरण महिषासुर, भैसा पे असवार ।। कैसे सुमरु ।।
तू मेरी आदि भवानी, रख लईयो मेरी लाज ।
बेगीराम जस गावे , मैया तेरो दरबार ।। कैसे सुमरु ।।
(26) हनुमत खेले ओके चौक में हो माँ
Hanumat Khele Ok Chouk Me Ho Maa-Devi Jas Song Lyrics Part -1)
हनुमत खेले ओके चौक में हो माँ ।।
कहाँ लगा दऊ दूध मोंगरों रे, नारियल के झाड़,
कहाँ लगा दऊ सुपरिया,लोंगन के झाड़ ।। हनुमत ।।
अंगना लगा दाऊ दूध मोंगरो रे, नारियल के झाड़,
बढ़ के लगा दाऊ सुपरिया, लोंगन के झाड़ ।। हनुमत ।।
काहे न सिचू दूध मोंगरो रे, नारियल के झाड़,
काहे न सिचू सुपरिया,लोंगन के झाड़ ।। हनुमत ।।
दूध न सिचू मोंगरो रे, नारियल के झाड़,
दहियन सिचू सुपरिया, लोंगन के झाड़ ।। हनुमत ।।
उगन लागो दूध मोंगरो रे, नारियल के झाड़,
सरकन लागे सुपरिया, लोंगल के झाड़ ।। हनुमत ।।
काहे न तोडू दूध मोंगरो रे, नारियल के झाड़,
काहे न तोडु सुपरिया, लोंगन के झाड़ ।। हनुमत ।।
उतियन तोडु दूध मोंगरो रे, नारियल के झाड़,
दहियन तोडु सुपरिया, लोंगन के झाड़ ।। हनुमत ।।
कोहे चढ़ा दाऊ दूध मोंगरो रे, नारियल के झाड़,
कोहे चढ़ा दाऊ सुपरिया, लोंगन के झाड़ ।। हनुमत ।।
देवी चढ़ा दाऊ दूध मोंगरो रे, नारियल के झाड़,
लुंगरा चढ़ा दाऊ सुपरिया, लोंगन के झाड़ ।। हनुमत ।।
तू मेरी आदि भवानी रे, रख लईयो मेरी लाज,
बेगीराम जस गावे, मैया तेरे दरबार ।। हनुमत ।।
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(27)
तू काली वो हिंगलाजनी हो माँ
Tu Kaali Wo Hinglajani Ho Maa
तू काली वो हिंगलाजनी हो माँ ।।
बिटिया जो बोली लोहरा की सुन बाबुल बात,
त्रिशूल चढ़ाऊ काली माई को, काली माई दे हे रे आशीष ।।तू काली।।
बिटिया जो बोली सुनरा की सुन बाबुल बात,
पायल चढ़ाऊ काली माई को, काली माई दे हे रे आशीष।।तू काली ।।
बिटिया जो बोली बनिया की सुन बाबुल बात,
नरियल चढ़ाऊ काली माई को, काली माई दे हे रे आशीष।।तू काली।।
बिटिया जो बोली दरजी की सुन बाबुल बात,
ध्वजा चढ़ाऊ काली माई को, काली माई दे हे रे आशीष।।तू काली।।
बिटिया जो बोली मलिया की सुन बाबुल बात,
फूल चढ़ाऊ काली माई को, काली माई देहे रे आशीष।।तू काली।।
जय जय जय जगदम्बे माँ रख लईयो मेरी लाज ,
बेगीराम जस गावे, मैया तेरे दरबार ।। तू काली ।।
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(28)
अद्भुत लीला श्रीराम की हो माँ
Adbhut Leela Sriram Ki ho maa
अद्भुत लीला श्रीराम की हो माँ ।।
कौन घड़ी रावण भए , कौन घड़ी श्री राम ,
कौन घड़ी लक्षमण भए, कौन घड़ी हनुमान ।। अद्भुत लीला ।।
सई साँझ रावण भए, आधी रात श्री राम ,
भुनसारे लक्षमण भए, दिन उगत हनुमान ।। अद्भुत लीला ।।
काहो करन रावण भए, काहो करन श्री राम,
काहो करन लक्षमण भए, काहे को हनुमान ।। अद्भुत लीला ।।
सीताहरण रावण भए, रावण मारन हनुमान,
शक्ति लगन लक्षमण भए, लंका जारण हनुमान ।। अद्भुत लीला ।।
जय जय जय जगदम्बे माँ, रख लईयो मेरी लाज,
बेगीराम जस गावे, मैया तोरे दरबार ।। अद्भुत लीला ।।
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(29)
मेरे वीर हनुमान मेरे पवन कुमार
Mere Veer Hanuman Mere PavanKumar
मेरे वीर हनुमान मेरे पवन कुमार , लंका में जइयो रे पवन बनके ।।
कौन तेरी मैया रे, कौन तेरो बाप,
किनके नाम धराए हनुमान ।। मेरे वीर ।।
अंजनी तेरी मैया रे, पवन तेरो बाप,
इन्द्र ने नाम धराए रे हनुमान ।। मेरे वीर ।।
पावन में बेडी माइया, गले में जंजीर,
नाचत है मेरो हनुमत वीर ।। मेरे वीर ।।
नदी सतलज को निर्मल नीर,
कूद पड़ो मेरो हनुमत वीर ।। मेरे वीं ।।
कौन दुपरिया माइया, तू ही मेरी माँ ,
गढ़ लंका के रार मचाए ।। मेरे वीर ।।
सुमर सुमर मैया तेरो जस गाये, चरणो में तेरे शीश नवाए ,
रख लईयो चरण आधार ।। मेरे वीर ।।
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(30)
(मैया) देव दर्शन देवी जालपा हो माँ
Maiya Dev Darshan Devi Jalpa Ho Maa
(मैया) देव दर्शन देवी जालपा हो माँ । ।
नित अंधियारी कोठरी रे, जहां दिवला न बात,
बइया पकड़ यम ले गवो, कोई संग न साथ ।। देव दर्शन ।।
काहे न को दिवला करू, काहे न करू बात ,
काहे को अरक़ जलाऊ, दिया जलेसारी रात ।। देव दर्शन ।।
तन माँ को दिवला करू, मन की करू बात,
आशा को अरक़ जलाऊ, दिया जले सारी रात ।। देव दर्शन ।।
जय जय जय जगदम्बे, रख लईयो मेरी लाज ,
बेगीराम जस गावे, मैया तेरे दरबार ।। देव दर्शन ।.
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(31)
चोक चन्दन बिन रे महादेव बाबा
Chok Chandan Bin Re Mahadv Baba
चोक चन्दन बिन रे, महादेव बाबा अंगना जो सुनो रे,
कोयल बिन मेरे भोला अमराइया । ।
कौन खदानिया की रे, महादेव बाबा मटिया बुला लये रे,
ढिग धार रे मेरे भोला अंगना छबाए ।। चोक चन्दन ।।
रतन खदानिया की रे, महादेव बाबा मटिया बुला लये रे,
ढिग धार रे मेरे भोला अंगना छबाए ।। चोक चन्दन ।।
कौन गौवन को रे महादेव बाबा , गोबर मांगा लियो रे,
ढिग धरे रे मेरे भोला अंगना लिपाए ।। चोक चन्दन ।।
सुरही गौवन को रे महादेव बाबा , गोबर मांगा लियो रे,
ढिग धरे रे मेरे भोला अंगना लिपाए ।। चोक चन्दन ।।
गज मूतियन को रे, महादेव बाबा चोक पूरा लये रे,
कंचन रे मेरे भोला कलश जलाए ।। चोक चन्दन ।।
अमन गमन को रे, महादेव बाबा बमना बुला लये रे,
गौरा की रे मेरे भोला लगुन लगाए ।। चोक चन्दन ।।
कौन दीना को रे, महादेव बाबा तेल मायनो रे,
कौन दीना को रे मेरे भोला लागी रे बारात ।। चोक चन्दन ।।
दूज तीज को रे, महादेव बाबा तेल मायनो रे,
चौभाई की रे मेरे भोला लागी रे बारात ।। चोक चन्दन ।।
सुमर सुमर के रे महादेव बाबा तेरो जस गा लौ रे,
रखियों न रखियों मेरे भोला चरण आधार ।। चोक चन्दन ।।
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(32)
नैन बान दुर्गा मार रही हो माँ
Nain Baan Durga Maar Rahi Ho Maa
नैन बान दुर्गा, मार रही हो माँ ।।
नैन कज्जवा सोहे, भोंहे चढ़ी है कमान ,
सिंदूर मांग भराई , देवी सोहनी रे लाल ।। नैन बाण ।।
नाकन नथनी सोहे, झूलनी रे अनमोल,
करण फूल कानन में, जयसो बेला को फुल्ल ।। नैन बाण ।।
निर्गुण राम की कुटरी रे, जेमे पुतली है तीन,
एक बाजवे रंग बाँसरी, दुजी रे घरताल ।। नैन बाण ।।
तीज पहर हरो चोलना , नाचट भरपूर,
नाचत निकली मठ से, अंगधर लाई चीर ।। नैन बाण ।।
चीर रंगाई रंगन से, हो गई रणधीर ,
इनको तो अभिमानी, है दमखम चीर ।। नैन बाण ।।
जहां तहां रण होहे रे, दुर्गा हो गई भगवान,
डग मग धरती डोले, जपलों रे भगवान ।। नैन बाण ।।
करे स्तुति सब मिलके , पानी से बलवान,
तेरे चरण बलहारी , मेरी दुर्गा रे माय ,
बेगीराम जस गाये, रहे चरण आधार ।। नैन बाण ।।
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(33)
काली मैया नाच भैरो बाग में हो माँ
Kaali Maiya Naach Bhairo Baag me Ho Maa
काली मैया नाच भैरो बाग में हो माँ ।।
वो तो नाचे नव दिन रात हो,
भोला की नगरिया, रे बाबा तेरी नगरिया ।। काली मैया ।।
वो तो ब्रह्मा की पोथी ओके हाथ में हो माँ,
वो तो सरस्वती बन के नाची हो,
भोला की नगरिया, रे बाबा तेरी नगरिया ।। काली मैया ।।
वो तो भोला को त्रिशूल ओ के हाथ में हो माँ,
वोतो गौरा बन के नाची हो,
भोला की नगरिया, रे बाबा तेरी नगरिया ।। काली मैया ।।
वो तो राम धनुष ओ के हाथ में हो माँ,
वोतो सीता बन के नाची हो,
भोला की नगरिया, रे बाबा तेरी नगरिया ।। काली मैया ।।
वो तो धरम ध्वजाओ के हाथ में हो माँ,
वोतो द्रोपदी बन के नाची हो,
भोला की नगरिया, रे बाबा तेरी नगरिया ।। काली मैया ।।
सुमर सुमर मैया तेरो जस गा लौ
रखियों चरण चितलाए हो माँ
भोला की नगरिया, रे बाबा तेरी नगरिया ।। काली मैया ।।
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(34)
दूर खेलन मत जइयो रे मेरे बारे लुंगरा
दूर खेलन मत जइयो रे मेरे बारे लुंगरा, पैजन भर जाहे धूल मे माया ।।
कौन बनावे मैया पाव रे पैजना, कौन बनावे गले हार माया ,
लोहरा बनावे मैया पाव पैजना, सुनरा बनाए गले हार माया ।। दूर खेलन ।।
कैसे टूटी मैया पाव रे पैजना, कैसे टूटी गले हार माया,
नाचट टूटी मैया पाव रे पैजना, कुदत टूटी गले हार माया ।। दूर खेलन ।।
सुमर सुमर मैया तेरे जस गाउँ , रख लईयो चरण आधार माया ।। दूर खेलन ।।
(35)
लग रही मढ़िया में भीड़ हो
लग रही मढ़िया में भीड़ हो, मैया मेरी खोलो किवड़िया ।।
गंगा जमुना से नीर मंगाए, तोहे चढ़ावन आए ।। मैया मेरी ।।
मलिया बगिया से फुलवा मंगाई, चुन चुन हार बनाए ।। मैया मेरी ।।
बनिया दुकनिया से नारियल मंगाई, भेंट चढ़ावन आए हो ।। मैया मेरी ।।
दर्जी दुकनिया से चुनरी मंगाई, तोहे चढ़वान आए हो ।। मैया मेरी ।।
कंचन थार कपूर की बाती, आरती उतारन आए हो ।। मैया मेरी ।।
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(36)
मैया जाग उठो देवी जालपा हो माँ
मैया जाग उठो देवी जालपा हो माँ ।।
आदि शक्ति जगतारण रे, शक्ति देवो आज ,
सत्य धर्म मैया का, सुंदर दरबार ।। जाग उठो ।।
दया करो देवी दुर्गा रे हो सिंगा सवार,
मैहर वाली शारदा, भर दो भंडार ।। जाग उठो ।।
करो कृपा माँ काली, तोरे गुण गाय,
भूत प्रेत जादू टोना, कछु पास ना आए ।। जाग उठो ।।
सिंघवाहिनी मैया रे हो जा दयाल,
मैहर वाली शारदा काटो रे जंजाल ॥ जाग उठो ॥
हम बालक जस गाये रे, मैया तेरे दरबार,
भूल चूक की माफी दे दो, हम शरण तुम्हार ॥ जाग उठो ॥
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(37)
कर रही सोला रे, सिंगार
Kar rahi Sola Re Singar Mai
कर रही सोला रे, सिंगार माई कर रही सोला रे ॥
सिरके ऊपर मुकुट सोहे, मुकुट ऊपर कलगी राम,
बिंदियन की चमकार , सिंगार माई कर रही … ॥ कर रही॥
नाकन में तो नथनी सोहे, नथनी ऊपर मोती राम ,
कुंडल की चमकार , सिंगार मई कर रही … ॥ कर रही ॥
गले में उनके हरवा सोहे , हरवा ऊपर मूंगा राम ,
मूतियन की चमकार , सिंगार माई कर रही … ॥ कर रही ॥
हाथन में तो छन्नी सोहे , छन्नी ऊपर दोहरी राम ,
चुड़ियन की झनकार , सिंगार माई कर रही … ॥ कर रही ॥
पावन में तो पायल सोहे, पायल ऊपर पैंजन राम ,
बिछियन की झनकार , सिंगार माई कर रही … ॥ कर रही ॥
हम बालक माँ तेरे जस गावे ,चरण कमल बलिहार राम,
गीतन की झनकार , सिंगार मई कर रही … ॥ कर रही ॥
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(38)
मैया के द्वारे एक तिरिया रोवे
मैया के द्वारे एक तिरिया रोवे, अंसुवन भीगी गोल साड़ी माया ॥
कहा तोरे सास ननद दुख दिनो, कहा तोरे देवर जेठ माया ,
ना मेरी सास ननद दुख दिनो, ना मेरे देवर जेठ माया ॥
घर को ही साइया मोहे बांझ क़हत है, बांझ को नाम मिटावों माया ,
प्रगट हो गई देवी ओ जालपा, दे दई रे आसीष भरपूर माया ॥
नवे महीने के लागत धानू पंडा ले लाये अवतार माया ॥
जब मेरो धानू पण्डा एक बरस को,घुटनन के बल चले माया ॥
जब मेरो धानू पण्डा पाँच बरस को, लडकन के संग खेले माया ॥
जब मेरो धानू पण्डा बारा बरस को, गऊवा चारावन जाये माया ॥
गौवा चरावे मुख मुरली बजाव, केवल के रे जस गाये माया ॥
लिख लिख पतिया भेजी वो जालपा, तुम धानु चले आयो माया ॥
कैस जाऊ मेरी देवी जालपा सतलज बहे भरपूर माया ॥
तुम चल आवो बारे रे धानू सतलज राह दिखाये माया ॥
आवट देखे बारे रे धानू हन दई बजह किवाड़ माया ॥
पान सुपारी मैया ध्वजा ओ नारियल , ले तेरी भेंट माया ॥
ऐसी वैसी भेंट न लउ मेरो धानू, शीश की भेंट चढ़ावों माया ॥
खड़ग निकारों मैया शीश उतारो धर लवो थरोलन बीच माया ॥
तीन दीना तक लाश पड़ी वो माँ, फिर भी जरा न कुमलाय माया ॥
प्रगट हो गई देवी जालपा देदई आसिश भरपूर माया ॥
चिंगारी काटी मैया अमृत छींटी धानू को लाई दे जिलाए माया ॥
हाथ जोड़ कर थाड़ो रे धानू, जय जैकार करे माया ॥
सुमर सुमर मैया तेरो जस गालौ, रखियों चरण आधार माया ॥
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(39)
बोदई किवाडिया राम ने हो माँ
बोदई किवाडिया राम ने हो माँ ॥
काहे की बनी ढोलकिया, काहे की बनी खरताल ,
काहे की बनी बसुरिया, मैया तेरे दरबार ॥ बोदई ॥
बीजो की बनी ढोलकियारे , पीतल खरताल ,
हरे बास की बसुरिया, मैया तेरे दरबार ॥ बोदई ॥
कौन बजाए ढोलकिया, कौन रे खरताल,
कौन बजावे खरताल, मैया तेरे दरबार ॥ बोदई ॥
राम बजाए ढोलकिया, लक्ष्मण खरताल ,
हनुमत बजावे बसुरिया मैया तेरे दरबार ॥ बोदई ॥
तू मेरी आदि भवानी रे, रखियों रे मेरीलाज ,
बेगीराम जस गाये, मैया तेरे दरबार ॥ बोदई ॥
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(40)
माई हो रही लाल गुलाब भुवन पे रंग बरसे
माई हो रही लाल गुलाब भुवन पे रंग बरसे ,
रंग बरसे माई रंग बरसे ॥ हो रही ॥
कहा बरस गई कारी बदरिया,
कहा बरस गए मेघ, भुवन पे रंग बरसे ॥ हो रही ॥
पूरब बरस गई कारी बदरिया,
पश्चिम बरस गए मेघ, भुवन पे रंग बरसे ॥ हो रही ॥
कौन की भीगी धानी चुनरिया ,
कौन की पंचरंग धार , भुवन पे रंग बरसे ॥ हो रही ॥
दुर्गा की भीगी धानी चुनरिया,
लुंगरे के पचरंग धार , भुवन पे रंग बरसे ॥हो रही ॥
कैसे टूटे धानी चुनरिया,
कैसे के पचरंग धार , भुवन पे रंग बरसे ॥ हो रही ॥
लहरा में टूटे धानी चुनरिया,
लकड़े में टूट पचरंग धार , भुवन पे रंग बरसे ॥ हो रही ॥
चरण बिन्दु मई तेरे पखारे,
हो जा दीन दयाल , भुवन पे रंग बरसे ॥ हो रही ॥
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(41)
सेवन आए जगत राजा जगतारण माँ
सेवन आए जगत राजा जगतारण माँ ॥
हे दूरगे मैया अब खोलो किवाड़ ,
सुनो विनती हमार, सुनो विनती हमार ॥ सेवन आए ॥
हे शारदा मैया अब खोलो किवाड़,
सुनो विनती हमार, सुनो विनती हमार ॥ सेवन आए ॥
हे छटी मैया अब खोलो किवाड़,
सुनो विनती हमार, सुनो विनती हमार ॥ सेवन आए ॥
हे काली मैया अब खोलो किवाड़,
सुनो विनती हमार, सुनो विनती हमार ॥ सेवन आए ॥
हे भैरवी मैया अब खोलो किवाड़,
सुनो विनती हमार, सुनो विनती हमार ॥ सेवन आए ॥
हे खड़े मैया अब खोलो किवाड़,
सुनो विनती हमार, सुनो विनती हमार ॥ सेवन आए ॥
यहा भगत का भोग लागत है ,
जय बोलो हिंगलाज, सुनो विनती हमार ॥ सेवन आए ॥
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(42)
तोरी नथनी पे नाचत मोर सुगर धन मालनिया
तोरी नथनी पे नाचत मोर सुगर धन मालनिया ॥
कहाँ लगाऊँ मैया बेला रे चमेली,
कहाँ लगाऊँ अनार , सुगर धन मालनीया ॥ तोरी नथनी ॥
अंगना लगाऊँ मैया बेला चमेली,
भुवन लगाऊँ अनार , सुगर धन मालनिया ॥ तोरी नथनी ॥
काहे न सिचू मैया बेला चमेली,
काहे न तोडु अनार, सुगर धन मालनिया ॥ तोरी नथनी ।।
दूध न सिचू मैया बेला चमेली,
दहियन तोडु अनार, सुगर धन मालनिया ॥ तोरी नथनी ॥
उलीयन तोडु मैया बेला चमेली ,
उलीयन तोडु अनार , सुगर धन मालनीय ॥ तोरी नथनी ॥
के फुले फुले मैया बेला चमेली,
के फुले फुले अनार , सुगर धन मालनिया ॥ तोरी नथनी ॥
कोहे चढ़ाऊ मैया बेला चमेली,
कोहे चढ़ाऊ अनार, सुगर धन मालनिया ॥ तोरी नथनी ॥
दुर्गा चढ़ाऊ मैया बेला चमेली,
लुंगरे चढ़ाऊँ अनार, सुगर धन मालनिया ॥ तोरी नथनी ॥
सुमर सुमर मैया तेरो जस गा लौ ,
रखियों चरण चितलाय, सुगर धन मालनिया ॥ तोरी नथनी ॥
(43)
सदा भवानी दाहिनी मेरी माँ
सदा भवानी दाहिनी मेरी माँ, सन्मुख रहे गणेश माया ।
तीन देवता रक्षा करे वो माँ, ब्रम्हा विष्णु महेश माया ॥
प्रथम सुमर लवूँ सरस्वती को, ड्यू देव गणेश माया ।
तीजे सुमर लाऊं तीन देवता, ब्रम्हा विष्णु महेश माया ॥
चौथे सुमर लौ चारह मैया, राम लखन बलवीर माया ।
पांचवे सुमरु पाँच पाँडवा, संग में द्रोपदी नार माया ॥
छटवे सुमर लौ छटिया माता, भारी करम पर रेख माया ।
सातवे सुमरु लौ सप्त ऋषि ओ माँ, देत ज्ञान भरपूर माया ॥
आठवे सुमरु अष्ट भौजी को माँ, सिंघलावे हो गई असपा माया ।
नवे सुमर लौ नव दूरगे को, चौंसठ योगान साथ माया ॥
दसवे सुमर लौ राजा दशरथ को, जिनके पुत्र रघवीर माया ।
सुमर सुमर मैया तेरो जस गाउँ, रखीयो चरण चितलाए माया ॥
…………………………………………………………………………..
(44)
शारदा मैया आ गई पाहुनी हो माँ
शारदा मैया आ गई, पाहुनी हो माँ ॥
कैसे आ गई शारदा, कैसे आ गए काला देव,
नाचत आ गई शारदा, कुदत कालादेव ॥ शारदा ॥
कहाँ से आ गई शारदा, कहाँ से काला देव,
मैहर से आ गई शारदा, चौरागढ से काला देव ॥ शारदा ॥
काहे पे आ गई शारदा, काहे पे काला देव,
हंसा पे आ गई शारदा, घुडवा पे काला देव ॥ शारदा ॥
काहे पे बैठी शारदा, काहे पे काला देव,
रतन सिंघासन बैठी शारदा, चौकी चन्दन काला देव ॥ शारदा ॥
का देहो देवी शारदा, का देहो काला देव,
ध्वजा नारियल देवी शारदा, तेल हल्दी काला देव ॥ शारदा ॥
नाथुराम जस गाये शारदा देवी दरबार ॥ शारदा॥
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(45)
मैया जय जय कपूर्दा वासिनी हो माँ
मैया जय जय कपूर्दा वासिनी हो माँ ॥
दर्शन को हम आये रे, मैया तेरे दरबार,
दर्शन दो जगदंबा, मेरी सुनियों पुकार ॥ मैया ॥
हाथ जोड़ विनती करू, लगु चरण तुम्हार,
शरण मे बालक आये, तेरी करत पुकार ॥ मैया ॥
उंचो बिरछा पीपल को, जाकी निर्मल छांव,
मंदिर बनो है सुंदर, लगो है दरबार ॥ मैया ॥
अद्भुत छबि मैया की रे, कोई पार न पाये ,
नैया पार लगावों, हम शरण तुम्हार ॥ मैया ॥
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव रे, सब ठाड़े द्वार,
स्तुति करे तुम्हारी, जोड़े दोई हाथ ॥ मैया ॥
तैंतीस कोटि देवता रे, सब करत पुकार,
जनकी को सोच निवारों, मैया सुनिए पुकार ॥ मैया ॥
सुमर सुमर मैया की रे, हम सब जस गाये,
रखियों चरण चितलाय, चरणों मे आधार ॥ मैया ॥
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(46)
मैया तेरी शरण सिंह पाहिनी हो माँ
मैया तेरी शरण सिंह पाहिनी हो माँ ॥
शुंभ निशुंभ दोई दानव रे, जोधा रे बलवान,
तीन भुवन उन जीते, मारे सबके मान ॥ तेरी शरण ॥
उन में जो परवाना रे, करके निरधार,
युद्ध करे दुर्गा से, लिखो ऐसा प्रचार ॥ तेरी शरण ॥
तीन भुवन हम जीते रे, रण में ललकार,
ऐसों न जग में कोई, कर धरे हथियार ॥ तेरी शरण ॥
पतिया पद उठ गरजी रे, कर धार हथियार,
लंगूरे ने सिंघला सजायों, मैया हो गई असवार ॥ तेरी शरण ॥
अधूरा है …………………………………………
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(47)
मैया पहर लगायों राजा कंस ने हो माँ
मैया पहर लगायों राजा कंस ने हो माँ ॥
जय बोलो नटवर की रे , जको कृष्ण है नाम ,
भादों की जन्म अष्टमी, आये भगवान ॥ पहर लगायों ॥
हाथ की हथकड़ी खुल गयी रे, खुल गई जंजीर,
सातो किवड़िया खुल गई, टूटी बेदी जंजीर ॥ पहर लगायों ॥
वसुदेव जी लेकर रे, चले जमुना के पार,
ऊपर बादल गरजे, पानी बरसे अपार ॥ पहर लगायों ॥
सुनी पड़ी डगरीय रे, बाबा करत विचार,
देख जिया घावराए,आधी रात मँझार ॥ पहर लगायों ॥
इत गोकुल उत मथुरा रे, बीच जमुना की धार,
निर्मल जल नदिया में, उतरे मँझधार ॥ पहर लगायों ॥
अगम पंथ बहे नदिया रे, जल अगम अपार,
शेष नाग करे छाया, पाँव जमुना परवार ॥ पहर लगायों ॥
तू मेरी आदि भवानी रे, मैया शरण तुम्हार,
सुमर सुमर जस गाउँ, मैया तेरे दरबार ॥ पहर लगायों ॥
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(48)
(48) जोगिरा जोगिरा जोगिरा रे
(Jogira Jogira Jogira Re- Devi Jas Geet Lyrics Part 1)
जोगिरा जोगिरा जोगिरा रे – 2
तेरे आसान लगी रे भभूत कालभैरव जोगिरा रे ॥
काहे की तेरी बंशी रे देवता, काहे को एक तारा रे,
काहे को तेरी माई को रहटवा, घूमरत आ गओ आधीरात॥काल भैरव॥
हरे बांस की बंशी रे देवता, रेशम को एकतारा रे,
अगर चन्दन को माई को रहेटवा,घूमरत आ गओ आधी रात॥काल भैरव॥
कौन बनाए बंशी रे देवता, कौन खिचे एकतारा रे,
कौन झुलाए माई को रहटला, घूमरत आ गओ आधी रात॥काल भैरव ॥
दुर्गे बजाए तेरी बंशी रे देवता, लंगूरे खिचे एकतारा रे,
जगदेव झुलाए माई को रहटवा, घूमरत आ गओ आधी रात ॥ काल भैरव ॥
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(49)
मैया शंकर नैना खोलिए हो माँ
मैया शंकर नैना, खोलिए हो माँ ॥
बैठो धुनि रमाए हो, ध्यान राम से लगाए,
माथे पे चंदा बिराजे , शोभा बारनी न जाये ॥ शंकर नैना ।।
शिव की जटा में गंगा, नदिया रे पाताल,
गौरा ने भांग घुटा लई, लपटो रे करिया नाग ॥ शंकर नैना ॥
नऊआ बम्हना मिलके रे, गए शिवजी के पास,
शिवजी के लग गए नैना, दोनों करत विचार ॥ शंकर नैना ॥
नऊआ बोले बम्हना से, भैया सुनो मेरी बात,
सीवजी के लग गाय नैना, दोनों करत विचार ॥ शंकर नैना ॥
नऊआ बड़ो हरामी रे, रखो डमरू पे हाथ,
शिवजी के खुल गए नैना, दोनों हो गए बेहाल ॥ शंकर नैना ॥
भोला बड़ो वरदानी रे, दे दौ ऐसे वरदान,
सूरदास की विनती, सुन लाइयों महराज ॥ शंकर नैना ॥
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(50)
नगरकोट जगरानी तुमपे, चँवर डूरे हो माँ
नगरकोट जगरानी तुमपे, चँवर डूरे हो माँ ॥
भये भुनसारे खुल गए तोरे ताले पंडा जोत जलाए ।
जाग जाग हिंगलाजन मैया पंडा दरस को आये ॥
थर थर धरती काँपे, तू बोले अमृत की बानी ,
सवा लाख पर्वत की रानी, हाथन पावन चक्र घुमावे ,
चल भैरो ललकारी ॥
जाग जाग हिंगलाजन मैया भूतों से पनिया भराय
कौन बरण महिशासुर दानव काहे पे असवार,
कौन बरन मेरी देवी जालपा काहे पे हो गई असवार,
कारो बरन महिशासुर दानव रण मैया असवार,
दूध बरन मेरी माई जालपा सिंघला पे हो गई असवार
क्या दानव तू वार करेगा क्या जाने तलवार
मेरी मैया पार करेगी सिंहासन पे होके असवार
अहिका मारी महिकामारी काट करी नव खंडा
अहिरावन की भुजा उखाड़ी तू देवी पर्चण्डा
सुमर सुमर तेरे जस गाउ रहे चरण में ध्यान
भूल चूक की माफ़ी डाइयो हम बालक नादान ॥
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(51)
जोगन बने जोगे राम रहे हो माँ
जोगन बने जोगे राम रहे हो माँ ॥
किनने लिन्ही भभूतिया, किसने गुरुज्ञान,
किनने माँ मनाई, कौंन मांगे वरदान ॥ जोगन बने ॥
शिवजी ने लिन्ही भभूतिया, गुरु गोरख ज्ञान,
मान मनाए भक्तों ने, धानू मांगे वरदान ॥ जोगन बने ॥
किसने लिन्ही चतुरवा, किनने रे तिरसूल,
किनकि है ये जोगनिया, रहे कौन के पास ॥ जोगन बने ॥
लंबोदर की चतुरवा, दुर्गा के तिरसूल,
गुरु गोरख की जोगनिया, रहे काली के पास ॥ जोगन बने ॥
रत्न सिंहासन बैठी, मेरी दुर्गा हो माय
लाल नेत्र जोगन के, खप्पर दोनों हाथ ॥ जोगन बने ॥
तू मेरी आदि भवानी, रखो मेरी लाज,
बेगीराम जस गाये, मैया तेरे दरबार ॥ जोगन बने ॥
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(52)
रण में गरज रही रे कालका
रण में गरज रही रे कालका, रण में गरज रही रे ।
रूप धरे विकराल कालका, रण में गरज रही रे ॥
प्रथम हाथ में चक्र घुमावे, दूजे खड़ग संहारी ।
तीजे हाथ में त्रिशूल विराजे चौथे मे ले लई तलवार ॥ कालका ॥
पांचवे हाथ में गदा सजो है, छठवे तीर कमानी,
दानव मारन चली भवानी , सिंघला पे होके सवार ॥ कालका ॥
नाग सुमरु नागन सुमरु, सुमरु अंतर्यामी,
नाग धुरंधर वासुकि जैसी दुर्गा भरे हुंकार ॥ कालका ॥
कारो खेत में झण्डा गाड़ी, झण्डा दई अगवानी,
हत्नापुर में करी लड़ाई, भूतों से पनिया भराई ॥ कालका ॥
गर्दन तोड़ी बांह मरोड़ी, महिषासुर को मारी,
रक्तबीज को लहू पी गई, मार रही किलकार ॥ कालका ।।
सात समुंदर गड़ो हिंडोला, झूले दुर्गा रानी,
पाँच भगत मिल तोरे जस गावे, हो रही जय जैकार ॥ कालका ॥
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(53)
माई हृदय बसो हिंगलाजनी हो माँ
माई हृदय बसो हिंगलाजनी हो माँ, मैया ॥
बसे शीश पर सितारे, और सती सुकसार,
नैन में नैनन देवी,कर रही निवास ॥ हृदय ॥
मस्तक में महारानी रे, विंध्याचल माँ ,
भ्रकुटी बसी भैरवी, घुँघराले बाल ॥ हृदय ॥
बसे नासिका देवी रे, नव दूरगे माँ,
मुख में मंगलारे कर, कर मंगलाचार ॥ हृदय ॥
गले में गौरी गिरजा रे, जपे नाम अपार,
कंठ में काली माता, गल मुंडन माल ॥ हृदय ॥
कानमें कमला देवी, करती कल्याण ,
रूप भयंकर धारे, लिए हाथ कृपाण ॥ हृदय ॥
रोम रोम में समाये, कर रही निवास,
दोऊ कर जोड़े विनती, करे दास हुलास ॥ हृदय ॥
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