लोकप्रिय 15 देवी जस : Famous 15 Devi Jas Lyrics in Hindi

लोकप्रिय 15 देवी जस
Famous 15 Devi Jas Lyrics in Hindi

Famous 15 Devi Jas Lyrics
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(1)मैया नव दुर्गा रक्षा करो हो माँ (Maiya Raksha Karo Ho Maa )

(2)माई कृपा करो दुख भंजनी हो माँ ॥ (Mai Krupa Karo Dukh Bhanjani Ho Maa  )

(3)मोरी माई को ध्वजा लहरा रहो रे ॥ (Mori Mai ko Dhwaja Lahara Raho Re)

(4)तोहे मनाऊँ हो कालिका (Tohe Manau Ho Kalika)

 (5)आरती की बिरिया होने लगी माँ (Aarti ki Biriya Hone Lagi Maa)

(6)अंगना में बजत बधाई हो मैया मेरी पण्डा दरश को आए ।।(Angana me Bajat Badhai Ho Maiya Meri)

(7)घुँघरू बांध लई माई ने, घुंगरू बांध लई रे,(Ghungharu Baandh Lai Maai Ne )

(7)ले पुजा हो देवी चंडिका हो माँ ॥(Le Puja Ho Devi Chandika Ho Ma)

(8)मैया बेगी सुमरु देवी, जालपा हो माँ ॥ (Maiya Beti Sumaru Devi, Jalpa Ho Ma)

 (9)संकट हरण देवी शारदा हो माँ ॥ (Sankat Haran Devi Sharda Ho Ma)

(10)तेरे शरण हम आए सिंह वाहिनी हो माँ ॥(Tere Sharan Ham Aaye Singh Vahini Ho Ma)

 (11)माई के द्वारे एक नीरिया रोवे, अंसुवन सीजे गुलजारी माया॥ (Mai ke Dware Ek Niriya Rowe)

(12)गंगा जमुना की बारी रेत में, दुर्गा ने कोट उठाई माया ॥(Ganga Jamuna ki Baari Ret Me)

(13)सिर पर हीरा सोहे री जगदम्बे भवानी (Sir Par Hira Sohe Ri Jagdambe Bhawani)

(14)भजो रे मन तुलसी सीता रामकहो (Bhajo Re Man Tulsi Sita Ram Kaho)

 (15) राजा जनक के द्वार में हो माँ ॥(Raja Janak ke Dwar me ho Ma)

(1)

मैया नव दुर्गा रक्षा करो हो माँ

(Maiya Raksha Karo Ho Maa – Devi Jas Lyrics )

मैया नव दुर्गा रक्षा करो हो माँ

मैया नव दुर्गा रक्षा करो हो माँ

जग जननी जगतारण हो, नव रूप बनाय,

नवरात्रि में नव दीप रे, नित पूजो जाय ॥ मैया ॥

प्रथम पुत्री श्री शैल की रे, बनके सुख दीन्ह,

दूज की बन ब्रांहचारिणी रे, वन में तब कीन्ह ॥ मैया ॥

चन्द्र घंटा है तीसरी हो, मारो दैत्य को जाय ,

चौथे को माई कुष्मांडा रे, राक्षस खल राय ॥ मैया ॥

पांचवे मातु षडानन हो, विराजत कैलाश,

नित दर्शन सुर मुनि को रे, पुजयत सब आय,

छठ को माई कात्यायनी हो, शिव होत  कीन्ह ॥ मैया ॥

जाय विवाही शिव को रे, जग में जस लीन्ह

काल रात्रि सप्तमी को रे, वन प्रलय कीन्ह,

नाश कियो दुष्टन को रे, संतन सुख दीन्ह,

महागौरी जग जननी हो, धरो अष्टम रूप,

सकल कामना पायो रे, एक वैश्य एक भूप,

नवमी को सिद्धदात्री हो, काटो विपति महान ॥ मैया ॥

मनवांछित वर दीन्हा रे, कियो सिद्धि प्रधान,

प्रकृति रूप धारण करी हो, भावी सब संसार,

राम शंकर जप गाये रे, मैया तेरे दरबार ॥ मैया ॥

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(2)

माई कृपा करो दुख भंजनी हो माँ ॥

(Mai Krupa Karo Dukh Bhanjani Ho Maa  – Devi Jas Lyrics )

माई कृपा करो दुख भंजनी हो माँ

माई कृपा करो दुख भंजनी हो माँ

विकट रूप तुम धार के रे, आई रावण मार,

खप्पर देख भवानी, छाई गुस्सा अपार ॥ माई ॥

रक्तबीज एक दानव रे, ओहे डारे मार,

खून झेल खप्पर में, लियो सर लटकाय ॥ माई ॥

कलिकाल में बिचली रे, करू कौन उपाय,

ब्रम्हा विष्णु महेश, करे सोच विचार ॥ माई ॥

छोडके शिवजी आए रे, राह में लेट,

जोश में आई भवानी, धर दई सिने पे लात  ॥ माई ॥

जीभ निकाल भवानी रे, गई गुस्सा अपार,

जय जैकार करे सब, देवता रे रहे खुशी मनाए

शांत भई भवानी , मोहे चरणों की आस ॥ माई ॥

भक्त जनों की विनती, सीवचरण आधार,

शिव शंभू के चरणों में, जय बोलो हिंगलाज ॥ माई ॥

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(3)

मोरी माई को ध्वजा लहरा रहो रे ॥

(Mori Mai ko Dhwaja Lahara Raho Re – Devi Jas Geet Lyrics )

मोरी माई को ध्वजा लहरा रहो रे

मोरी माई को ध्वजा लहरा रहो रे

लंका को छलिया रावण सीता ले गओ चुराये,

जाएँ उतारे बाग में सीता, दे दओ छुवाए ॥ माई को ध्वजा ॥

रावण बोलो मंदोदरी से रे, सुनो रानी मेरी लाज,

एक नार हर लाई, भोजन करो तैयार ॥ मई को ध्वजा ॥

मंदोदर बोली रावण से सुनो स्वामी मेरी बात,

एक नार हर लाई हो, गओ लंका को नाश ॥ माई को ध्वजा ॥

थाली भर लड्डू लाई रे, चली मंदोदरी नार,

उठो सीता भोजन कर, करो लंका को राज ॥ माई को ध्वजा ॥

ऐसों भोजन हम न करिए रे, ऐसों हमें न सुहाय

क्या करे बास बिदिन में, जाय राम के पास ॥ माई को ध्वजा ॥

ऐसी सीता सतवंती रे, एक पुरुष की नार,

काहे को आई गढ़ लंका, कोहे  देती श्राप ॥ माई को ध्वजा ॥

रावण पिता लागत है रे, मंदोदर मोरी माय,

गढ़ लंका मेरो मायको, कोहे देती श्राप ॥ माई को ध्वजा ॥

लक्ष्मण देवर लगत है रे, वचन लियो मोरे लाये

तीन लोक एक पल में, रावण कौन बिसात ॥ माइ को ध्वजा ॥

तू मेरी आदि भवानी रे, रख लईयो मेरी लाज ,

पाँच भगत जस गाये, रख चरण आधार ॥ माई को ध्वजा ॥ 

(4)

तोहे मनाऊँ हो कालिका

(Tohe Manau Ho Kalika – Devi Jas Geet Lyrics )

तोहे मनाऊँ हो कालिका, रखो जान की रे लाज ॥

तोहे मनाऊँ हो कालिका, रखो जान की रे लाज ॥

प्रथम कालिका काली जी को, चरणन शीश नवाऊँ,

संकट में तोहे सुमरु माता,तोहे छोड़ कहाँ जाऊ ।

वो तो तेरो भरोसा, हाँ कालिका ….

तू है काली काली कालका, काल को निर्भय कर दे राम,

निर्भय होकर रहूँ सदा, मैं कभी न मुझको दर दे,

वो तो जगतारण है कालका ……

ब्रम्हा तेरी गोद में खेले, विष्णु दूध पिलाये,

शिवशंकर को तूनेमाता, ताण्डव नाच नचाए,

वो तो भक्ति मुक्ति की हाँ कालका …..

बड़े बड़े असुरोंकों मारे, मुण्ड की माला पहिने,

कोटिन तेरी भुजा है माता, कोटिन अस्त्र चलाये,

वो तो रक्त चरण की है कालका …….

बेगीराम मैया तेरे गुण को गाये,

चरवन शीश नवाय , वो तो तेरो करे सहाय कालका ……….

(5)

आरती की बिरिया होने लगी माँ

(Aarti ki Biriya Hone Lagi Maa _ Devi Jas geet Lyrics )

सुंदर मालन मेरी माँ, आरती की बिरिया होने लगी माँ

सुंदर मालन मेरी माँ, आरती की बिरिया होने लगी माँ ॥

पहली आरति ये हो माँ कमलापति की माँ ,

जो जनम ड़ाए रे हमार ॥ आरती ॥

दूसरी आरती ये हो माँ सरस्वती की ओ माँ ,

जो ड़ाए है रे ज्ञान ॥ आरती ॥

तीसरी आरती रे ये वो शीतला माता की माँ,

जो मन बसी रे हमार ॥ आरती ॥

चौथी आरती रे ये वो माँ, चौसठ जोगिनी की रे,

खप्पर पर लाई हाथ ॥ आरती ॥

रही आरती रे ये वो माँ, सबरी मटा की ,

सब मिल घर रही ध्यान ॥ आरती ॥

सुमर सुमर माई तेरो रे आरती ,

रखियों चरण चितलाए ॥ आरती ॥

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(6)

अंगना में बजत बधाई हो मैया मेरी पण्डा दरश को आए ।।

(Angana me Bajat Badhai Ho Maiya Meri – Devi Jas Geet Lyrics )

अंगना में बजत बधाई हो मैया मेरी पण्डा दरश को आए ।।

अंगना में बजत बधाई हो मैया मेरी पण्डा दरश को आए ।।

शिवशंकर मैया नेहत बुला लए, संग में गौरा मैया आ गई वो

॥ मैया मेरी ॥

राम लखन मैया नेहत बुला लए, संग में सीता मैया आ गई वो

॥ मैया मेरी ॥

ब्रम्हा विष्णु मैया नेहत बुला लए, संग में लक्ष्मी मैया आ गई वो

॥ मैया मेरी ॥

पाँच पांडव मैया नेहत बुला लए, संग में द्रोपदी आ गई वो

॥ मैया मेरी ॥

गंगा जमना मैया नेहत बुला लए, संग में सरस्वती आ गई वो

॥ मैया मेरी ॥

चंदा सूरज मैया नेहत बुला लए, संग में तारे भी आ गई वो

॥ मैया मेरी ॥

सुमर सुमर मैया तेरे जस गाये, चरण छोड़ कहाँ जाये वो

॥ मैया मेरी ॥

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(7)

घुँघरू बांध लई माई ने, घुंगरू बांध लई रे,

(Ghungharu Baandh Lai Maai Ne – Devi Jas Song Lyrics )

घुँघरू बांध लई माई ने, घुंगरू बांध लई रे,

घुँघरू बांध लई माई ने, घुंगरू बांध लई रे,

माई ने कर लई सोलह रे सिंगार ॥

माथे उनके बिंदिया सोहे, टिकली की झँकारी राम,

सिंदूर भर लई रे माई ने, सिंदूर भर लई रे ॥ घुंगरू बांध ॥

नाक में उनके नथनी सोहे, लटकन की झनकारी राम,

लोंग पहन लई रे माई ने, लोंग पहन लई रे ॥ घुंगरू बांध ॥

कानों में उनके झुमकी सोहे, कुंडल की झँकारी राम,

बाली पहन लई रे माई ने, बाली पहन लई रे ॥ घुँघरू बाँध ॥

गले में उनके हरवा सोहे, हीरे की झँकारी राम,

मोतीमन माला पहन लई रे, माला पहन लई रे ॥ घुँघरू बांध ॥

हाथ मे उनके चूड़ी सोहे, कंगन की झँकारी राम,

छल्ला पहन लई रे माई ने, छल्ला पहन लई रे ॥ घूँघरु बांध ॥

कमर में उनके करधन सोहे, गुच्छे की झनकारी राम,

केस बांध लई रे माई ने, केश बांध लई रे ॥ घुँघरू बांध ॥

पाँव में उनके पायल सोहे, बिछिया की झनकारी राम,

महावर लगा लई रे माई ने, महावर लगा लई रे ॥ घुँघरू बांध ॥

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(7)

ले पुजा हो देवी चंडिका हो माँ ॥

(Le Puja Ho Devi Chandika Ho Ma – Devi Jas Song Lyrics )

ले पुजा हो देवी चंडिका हो माँ

ले पुजा हो देवी चंडिका हो माँ ..

अहिरावण वन आयो, हर लई दोनों वीर रे,

राम लखन की जोड़ी, हर ले गयो पाताल ॥ ले पुजा ॥

नगर ढिंढोरा पीते, सुनो गाँव के लोग,

राम लखन दोनों को पूजे चंडी के पास ॥ ले पुजा ॥

राम लखन की जोड़ी, गई मढ़िया के पास,

मेवा और मिठाई, कर रहे पुजवान ॥ ले पुजा ॥

अरे अहिरावण एसो बोलो, सुनो बालक बात,

सुमरन हो तो सुमर लो, कौन करत सहाय ॥ ले पुजा ॥

रामचन्द्र ऐसे बोले, सुनो लक्ष्मण बात,

भारत शत्रुघन होते, वे ही करत सहाय ॥ ले पुजा ॥

भारत शत्रुघन सोहे, हनुमत बलवीर,

अंजनी पुत्र पवन सूत, वे ही करत सहाय ॥ ले पुजा ॥ 

रूप धरो चंडिका को, हनुमत बलवीर,

मेवा और मिठाई, सब आप ही खाये ॥ ले पुजा ॥

हनुमत एसो गरजो, जैसे गरजत काल,

मढ़िया गई रे शरण में, चंडी गई रे पताल ॥ ले पुजा ॥

सुमर सुमर जस गाये रे, मैया तेरे दरबार,

भकतन की लज्जा राखो, चरणन आस लगाए ॥ ले पुजा ॥

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(8)

मैया बेगी सुमरु देवी, जालपा हो माँ ॥

(Maiya Beti Sumaru Devi, Jalpa Ho Ma – Devi Jas Geet Lyrics )

मैया बेगी सुमरु देवी, जालपा हो माँ

मैया बेगी सुमरु देवी, जालपा हो माँ ..

महिषासुर एक दानव रे, जग भयो परचण्ड ,

युद्ध करण सब जीते, धरती के नवखंड ॥ मैया बेगी ॥

ब्रम्हा विष्णु सदाशिव रे, माने सब हार,

जीत लियो इंद्रासन, बड़ो करत प्रहार ॥ मैया बेगी ॥

सकल देव उठ भागे रे, माई दुर्गा के पास,

त्राहि त्राहि कर आए, राक्षस को त्रास ॥ मैया बेगी ॥

तू मेरी आदि भवानी रे, देवी सुनहु पुकार,

महिषासुर को मारो, मैया करो उद्धार ॥ मैया बेगी ॥

क्रोध कारण उठ गरजी रे, कर धर हथियार,

लंगूरा ने सिंघला पलानो, देवी भई असवार ॥ मैया बेगी ॥

हंसा पे चढ़ ब्रम्हा आ गए रे, रथ गरुड गोपाल,

नंदी पे चढ़ भोला आ गए, संग भूत बेताल ॥ मैया बेगी ॥

कोन बरन माई दुर्गा रे, काहे पे असवार,

कोन बरन महिषासुर, काहे पे असवार ॥ मैया बेगी ॥

लाल बरन दुर्गा रे, सिंघला पे असवार,

कारो बरन महिषासुर , रण भैसा असवार ॥ मैया बेगी ॥

महिषासुर जब गरजो रे, धायो बलवीर,

सकाल देवता भागे, मन धरण न धीर ॥ मैया बेगी ॥

जब रण में कलकारी रे, जैसे गरजत काल ,

महिषासुर ने देखो, लोचन कर लाल ॥ मैया बेगी ॥

विष्णु चक्र घुमाए रे, क्रोध करे जगदीश,

दुर्गा ने खड्ग प्रहारी, काटी रिपु शीश ॥ मैया बेगी ॥

जय दूरगे जय दूरगे रे, गति आगम अपार,

जन की सोच निवारी, हरी धरती को भार ॥ मैया बेगी ॥

अस्तुति कर सुर आए रे, सब अपने धाम,

बेगीराम जस गाये, देवी दुर्गा के आम ॥ मैया बेगी ॥

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(9)

संकट हरण देवी शारदा हो माँ ॥

(Sankat Haran Devi Sharda Ho Ma – Devi Jas lyrics )

संकट हरण देवी शारदा हो माँ

संकट हरण देवी शारदा हो माँ

ब्रम्हा पे संकट पड़ गओ रे, मैया हो गई रे सहाय ,

कुम्भकरण की मति फेरि, नींद मांगी छह मास ॥ संकट हरण ॥

देवान पे संकट पड़ गओ रे, शारदा हो गई सहाय ,

केकई की मति फेरि, राम गए वनवास ॥ संकट हरण ॥

हनुमत पे संकट पड़ गओ रे, मैया हो गई सहाय,

रावण की मति फेरि, ब्रम्ह्पाश से छुड़ाय ॥ संकट हरण ॥

आल्हा पे संकट पड़ गओ रे, शारदा हो गई सहाय,

बावनगढ को जीतो, आल्हा अमर कराय ॥ संकट हरण ॥ 

धानू पे संकट पड़ गओ रे, मैया हो गई सहाय,

दरश ड़ाए सेवक को, संग मे रहे छाय ॥ संकट हरण ॥

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(10)

तेरे शरण हम आए सिंह वाहिनी हो माँ ॥

(Tere Sharan Ham Aaye Singh Vahini Ho Ma – Devi Jas Lyrics Part )

तेरे शरण हम आए सिंह वाहिनी हो माँ

तेरे शरण हम आए सिंह वाहिनी हो माँ

सकत देवता उठकर भागे रे गए ब्रम्हा के पास,

सब मिलकर पहुंचे विष्णु के पास ॥ तेरे शरण ॥

विष्णु लोक से चालत भए गए कैलाश,

हाथ जोड़ विनती करे, सुनो शंभू अविनाश ॥ तेरे शरण ॥

देवता गए हिमालय रे, देव विनय सुनाए,

देवी गौरा को, सब रहे मनाए ॥ तेरे शरण ॥

शुंभ निशुंभ दोनों दानव, वर पाये अपार ,

कठिन तपस्या किन्हों, ब्रम्हा से वर लिन्हो अपार ॥ तेरे शरण ॥

पार्वती मैया आई, गंगा कारण गई असनान ,

पुच राय देवी देवों से, करो कौन को ध्यान ॥  तेरे शरण ॥

देवता की वाणी सुन लाई रे, प्रगति कौशिकी माई,

पार्वती सा अंग प्रगटी कौशिकी नाम कहारी ॥ तेरे शरण ॥

हिमालय से प्रगटी मैया कालरात्रि कहाय,

शत्रु की नाश करो बोली दुर्गा माई ॥ तेरे शरण ॥

तेरे चरण बलहारी मैया, माई देवी के दरबार,

रामकिशन जस गाये मैया सुनलों पुकार ॥ तेरे शरण ॥

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(11)

माई के द्वारे एक नीरिया रोवे, अंसुवन सीजे गुलजारी माया॥

(Mai ke Dware Ek Niriya Rowe – Devi Jas Geet Lyrics )

माई के द्वारे एक नीरिया रोवे

माई के द्वारे एक नीरिया रोवे

मंडिया मे से बोले जगतारण, का अंकट है तोय माया ।

कहा नाम है तेरी सुंदरी, कौन एसजी नार कहाय माया ,

पवन रेखा है नाम हमारों, उग्रसेन भरतार माया ।

घर के राजा बास क़हत है लगे कलेजे बोल माया ।

बांझ का नाम मिटाय जगतारण, या कारण मे आई माया ।

रथ पे बैठी संग सखिन के, बन मे घुमन जाय माया ।

दसमे महिना पुत्र हो गयो, वो हौए बलवान माया ।

वन मे घुमत पहुँच रानी, बंबूढ़ा एक अम्बा माया ।

बूढ़ा मे दैत्य हटो बाके, दिन की रैन बनाई माया ।

हाथ पकड़ रानी के ले गयोटेरी पुन हो माया ।

दसमे मास कंस पैदा भाए, असगुन ये है अनेक माया ।

आँधी बहुत ज़ोर से आई, गर्जन लागे मेट माया।

माघ सुदी तेरस को केएनएस भाए दिनसा बिसतरवार माया ।

पुत्र जन्म सुन उग्रसेन को, हिमरा लेक हिलोर माया ।

मंगलवार कराय नृपत मे, पंडित लाये है बुलाय माया ।

पंडित ने अनुमान लगायों, बालक अति बलवान माया ।

कंस नाम व को रख देओ, देगा दुख अनेक माया ।

पाँच भगत मई तेरे गुण कवि रामराव हर्षाय माया ॥

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(12)

गंगा जमुना की बारी रेत में, दुर्गा ने कोट उठाई माया ॥

(Ganga Jamuna ki Baari Ret Me_ Devi Jas Geet Lyrics )

गंगा जमुना की बारी रेत में, दुर्गा ने कोट उठाई माया ॥  

गंगा जमुना की बारी रेत में, दुर्गा ने कोट उठाई माया ॥  

कोट उठाए मैया बुगुरा बनाए कलश परेरी आसमान माया ।

ता ऊपर चढ़ देखे जगतारण, दिशाग में चार देश माया ।

चार देश की चार ध्वजा री माई, धानू के ध्वजा नहीं आई माया।

का तेरो धनु माया मे भूलो री मई, का रतिया बिलसाय माया।

ना मेरो धनु माया में भूलो री आई, न नरिया में बिलसाय माया ।

अस्सी कोसला नदी सतलज, किसविधि उतरेंगे पार माया ।

बढ़ाई को एक बालक बुलाओ री माई, चन्दन पेड़ कटाओ माया।

नदी सतलज की नौका बनाड़े, मढ़ैया के लाल किवाड़ माया ।

कोण तेरी नौका में जगतारण, कौन हे खेवर हार माया ।

देवी शारदा नौका में बैठी वो मई, लंगूरे है खेवनहार माया ।

धर्मी धर्मी भार उतार गए, पानी रहे मझधार माया ।

सुमर सुमर मैया तेरे जस गाये, चरण छोड़ कहाँ जाए माया ।

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(13)

सिर पर हीरा सोहे री जगदम्बे भवानी

(Sir Par Hira Sohe Ri Jagdambe Bhawani- Devi jas song lyrics)

सिर पर हीरा सोहे री जगदम्बे भवानी,

सिर पर हीरा सोहे री जगदम्बे भवानी,

कानों में झुमकी झूल रही हो माँ ॥

काहे को मैया तेरे मंदिर बनो है,

काहे के लगे दरवाजे री ,

सोने को मैया मंदिर बनो,

लाल लगे री दरवाजे भवानी ॥ जगदम्बे भवानी ॥

काहे को मैया तेरे बाग बगीचा,

काहे की फुलवारी री ,

नारियल को मैया तेरे बाग बगीचा,

चम्पाकली फुलवारी ॥ जगदम्बे भवानी ॥

पाप निवारण आई जगतारण,

नगरे चले अगवानी री

सुमर सुमर मैया तेरे जस गाउ,

चरण आस लगाए री ॥ जगदम्बे भवानी ॥

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(14)

भजो रे मन तुलसी सीता रामकहो

(Bhajo Re Man Tulsi Sita Ram Kaho – Devi Jas song lyrics )

भजो रे मन तुलसी सीता रामकहो मेरी माँ

भजो रे मन तुलसी सीता रामकहो मेरी माँ ॥

साँझ भई दिन गयो बुढन को, गौहान बेरमाई हो राम,

गौवा बछड़ा बांध के, तुलसी चले ससुराल गयो हो राम ।

आगम पंथ एक नधिया बहत है, मुर्दा बात बहो हे राम।

उस मुर्दा की बाह पकड़ , तुलसी पार गयो हो राम ।

आसपास सब घूम घूम के देखो दरवाजे तपा में राम ।

बीच भवन में साथ को वो ही, पदक तुलसी ऊपर जाहे हो मेरी माँ

तू तो तिरिया ज्ञान की पूरी, तूने ज्ञान दियो हो माँ ॥ भजो ॥

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(15)

राजा जनक के द्वार में हो माँ ॥

(Raja Janak ke Dwar me ho Ma – Devi Jas Song Lyrics )

राजा जनक के द्वार में हो माँ

राजा जनक के द्वार में हो माँ

कौन शहर बसाये रे, कोने सिंगार,

कोने कलश रखायो, गंगा की धार ॥ राजा ॥

राजा शहर बसायों रे, रति का सिंगार,

देवी कलश रखायो रे, गंगा की धार ॥ राजा ॥

कोने ताल खुदाए रे, कोने अमृत बाग,

कोने भुवन बनाए, गिरजा करत विस्तार ॥ राजा ॥

विष्णु टार खुदाए रे, विधि अमृतबाग,

जनक ने भुवन बनाए, गिरजा करत विस्तार ॥ राजा ॥

इंद्रा वर्ण ने रच दियो रे, आर रति कर चंद,

रंग भुवन बनाए तारा गण रात ॥ राजा ।।

को ने फूल बनाए रे, नारियल अर लाख,

लॉन्ग लायची केवड़ा, केशव रंग कारज ॥ राजा ॥

दुर्गा फूल बनवाए रे, नारियल अर लाख,

लॉन्ग लायची केवड़ा, नारियल रंग लाख ॥ राजा ॥

पाँच भगत मिल जस गाये रे, चरनन चितलाय,

करी कृपा जगतारण, नित करो सहाए ॥ राजा ।।

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