Pratham Mana Lau Re Sadashiv Shri Ganpati Jas Lyrics
प्रथम मना लऊं रे सदाशिव श्री गणपती
Pratham Mana Lau Re Sadashiv Shri Ganpati Jas Lyrics
प्रथम मना लऊं रे सदाशिव श्री गणपती को रे ।। 2 ।।
बुद्धि के विधाता रे, भोला वोही गनराज ।। प्रथम ।।
जेठ महिना रे, कि गौरारानी नहाने को बैठी रे ,
घीस घीस अंग रे, मैल ले लई रे निकार ।।
वो ही मैल को रे, कि गौरा रानी पुतला बना लई रे ,
सदाशिव पुतला बना लई रे ,
अरे पुतला बना के रे , द्वारे पे दई बैठार ।। प्रथम ।।
हुकम सुना दाई रे, कि गौरा रानी हुकम सुना दई रे ।
द्वारे के अंदर रे, कोई आने न पाये ।।
घुमघाम के रे कि भोला मेर महादेव तो आ गए रे ।
द्वार के ऊपर रे बाबा रार मचाए ।
सुमर सुमर के भोला मे तेरो जस गा लौ रे,
कि रखियों चरण चितलाए ।। प्रथम । ।