Surat ki Malani Ho Ki Durga
सूरत की मालनी हो ,
कि दुरगा काहे रखियो भरमाय ।।
Surat ki Malani Ho
Ki Durga Kahe Rakhiyo Bharmay
सूरत की मालनी हो ,
कि दुरगा काहे रखियो भरमाय ।।
ओ तो कहाँ लगा दऊ केवड़ो रे ,
बिरन मे रे कहा लगा दऊ रे अनार ।। सूरत की मालनी ।।
वो तो वन में लगा दऊ केवड़ों,
बिरन मेरे अंगना लगा दऊ रे अनार ॥ सूरत की मालनी ।।
वो तो कहाँ न सिचू केवड़ों रे,
वो तो कहाँ न सिचू अनार ।। सूरत की मालनी ।।
वो तो दूध सिचू केवड़ों रे,
दहीन सिचू अनार ॥ सूरत की मालनी ।।
वो तो कहा न तोडु केवड़ों रे,
कहान तोडु अनार ।। सूरत की मालनी ।।
वो तो अंगना लागो केवड़ों रे,
सरकन लगो अनार ।। सूरत की मालनी ।।
वो तो कहान तोडु केवड़ों रे,
बिरन में कहान तोडु अनार ।। सूरत की मालनी ।।
वो तो मलमल तोडु केवड़ों रे,
डली मन तोडु अनार ।। सूरत की मालनी ।।
वो तो कोहे चढ़ा दाऊ रे केवड़ों रे,
बिरन मे रे कोहे चढ़ा दाऊ ए अनार ॥ सूरत की मालनी । ।
वो तो दुर्गा चढ़ा दाऊ रे केवड़ों रे,
बिरन मे रे लुंगरा चढ़ा दाऊ रे अनार ।। सूरत की मालनी ।।
वो तो सुमर सुमर जस जायों रे, हो कि
दुर्गा रखियो चरण चितलाए ।। सूरत की मालनी ।।
……………………………………………………..
Surat Ki Malani Ho, Ki Durga Kahe Rakhiyo Bharmaay
Surat ki malani ho, ki Durga kahe rakhiyo bharmaay।।
O to kahan laga dau kevrdo re,
Biran me re kahan laga dau re anar।। Surat ki malani।।
Wo to van mein laga dau kevro,
Biran mere angna laga dau re anar।। Surat ki malani।।
Wo to kahan na sichu kevro re,
Wo to kahan na sichu anar।। Surat ki malani।।
Wo to doodh sichu kevro re,
Dahin sichu anar।। Surat ki malani।।
Wo to kahan na todu kevro re,
Kahan todu anar।। Surat ki malani।।
Wo to angna lago kevro re,
Sarkan lago anar।। Surat ki malani।।
Wo to kahan todu kevro re,
Biran mein kahan todu anar।। Surat ki malani।।
Wo to malmal todu kevro re,
Dali man todu anar।। Surat ki malani।।
Wo to kohe chadha dau re kevro re,
Biran me re kohe chadha dau re anar।। Surat ki malani।।
Wo to Durga chadha dau re kevro re,
Biran me re lungra chadha dau re anar।। Surat ki malani।।
Wo to sumar sumar jas jayo re, ho ki
Durga rakhiyo charan chitlaye।। Surat ki malani।।