विघ्न हरन गौरी के नंदन Vidhna Haran Gouri ke Nandan

विघ्न हरन गौरी के नंदन
Vidhna Haran Gouri ke Nandan

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विघ्न हरन गौरी के नंदन

विघ्न हरन, गौरी. के नंदन
सुमिर सदा. सुखदा.यी. रे..

तुलसी.दा.स जो. गणपती. सुमिरै
कोटि विघ्न टल जाई. रे..

वेद पुरा.न कथा. से. पहले..
जो सुमिरै. सुखदा.यी. रे..

अष्ठ सिधि नव. निधि लक्ष्मी
मन इच्छा. फलदा.यी. रे..
जनम तेरा बातों ही बीत गयो
जनम तेरा, बातों ही बी.त गयो..
जनम तेरा बातों ही, बी.त गयो..
तुने, कबहुँ न, राम कह्यो..
रे तुने, कबहुँ न कृष्ण कह्यो..

पां.च बरस का, भोला रे भा.ला.
अब तो. बीस भयो..
मकर पचीसी, माया कारन
देश विदेश गयो..

ती.स बरस की, जब मति उपजी.
नित नित, लोभ नयो..
माया जोरी, लाख करोरी
अजहु न प्रीत भयो..

वृद्ध भयो. तब, आलस उपजी.
कफ नित, कंठ रह्यो..
संगति कबहूं, नाही कीन्ही
बिरथा जनम लियो..

ये संसार मतलब का, लोभी
झूठा, ठाठ रच्यो..
कहत कबी.र समछ मन मूरख
तू क्यों भूल गयो..
भव पार करो भगवान
उद्धार करो भगवान तुम्हरी शरण पड़े
भव पार करो भगवान तुम्हरी शरण पड़े…
शरण पड़े शरण पड़े ~~2

कैसे तेरा नाम धियाए
कैसे तुम्हरी लगन लगाए
हृदय जगादो ज्ञान.
तुम्हरी शरण पड़े…

पन्थ मतों की सुन सुन बातें
द्वार तेरे तक पहुँच न पाते
भटके बीच जहान
तुम्हरी शरण पड़े…

तू ही श्यामल कृष्ण मुरारी
राम तुही गणपति त्रिपुरारी
तुम ही बने हनुमान.

ऐसी अंतर ज्योत जगाना.
हम दीनो को शरण लगाना
हे प्रभु दया निधान
तुम्हरी शरण पड़े…

घूँघट के पट खोल शखी री
घूँघट के. पट खो..ल शखी. री.
मिलिहैं, साईं दीदा.रा..

मोह माया. की. ओढ़नी ओढ़े
दीखे ना.ही. द्वारा..
सुन्न महल में. घोर अँधेरा
करो ना.म, उजिआरा..

गगन मंडल से. अमृत बसरे
होय अनंद , अपारा..
अनहत की. धुन, बजे निरंतर
सो.हम का. झंकारा ..

सतगुरु साहेब, की बलिहा.री
बांड सदब का. मारा..
कहे कबी.रा. आपा. खोया
पाया प्रा.ण अधारा ..

Vidhna Haran Gouri ke Nandan

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